एप्पल मतलब स्टीव जॉब्स | Who is Steve Jobs
स्टीव जॉब्स को गुज़रे 7 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी जॉब्स हर जगह हैं| पूरी दुनियां में आइपैड, आईफोन और आईमैक के रूप में| एप्पल का नाम आते ही ज़हन में सिर्फ एक ही नाम उभर कर आता है और वह है “स्टीव जॉब्स”| लेकिन हम सब बस यही जानना चाहते हैं की आखिर “स्टीव जॉब्स” है कौन…Who is Steve Jobs
Who is Steve Jobs
स्टीव जॉब्स के कई रूप है, जवानी में वे कुछ और थे, उसके बाद कुछ और, अपनी ज़िन्दगी के आखरी बरस में कुछ और| लेकिन ज़िन्दगी के हर पड़ाव में उसने एक बात समान थी और वह है स्वप्नदर्शी सोच | जी हाँ, हम उसी सोच की बात कर रहें हैं जिसके दम पर वह आज भी हमारे बिच में जिंदा है|
24 फ़रवरी 1955 को केलिफोर्निया के सेंट-फ्रांसिस्को में स्टीव जॉब्स को पैदा होते ही उनके माता पिता ने उन्हें किसी और के पास भेज दिया, उसके बाद स्टीव जॉब्स को गौद लिया “पाउल और कालरा जॉब्स” ने| स्टीव जॉब्स के पिता पाउल जॉब्स पेशे से मेकेनिक और माँ कालरा जॉब्स Accounted थी|
अपनी स्कुली पढाई स्टीव जॉब्स ने सेंट-फ्रांसिस्को से ही की, लेकिन तब उनके पास जेब खर्च के लिए पैसे नहीं होते थे इसीलिए वे गर्मियों की छुट्टियों में काम किया करते थे| हाई स्कूल की पढाई के दौरान उनकी मुलाकात हुई Steve Wozniak से| Steve Wozniak भी काफी होंशियार थे और उन्हें भी स्टीव की तरह इलक्ट्रोनिक में काफी दिलचस्पी थी| आगे चलकर स्टीव ने अपनी कॉलेज की पढाई के लिए सेंट-फ्रांसिस्को के “रीड कॉलेज” में दाखिला लिया| लेकिन उनका मन कॉलेज कि पढाई में नहीं लगा और उन्होंने 6 महीने बाद ही अपना कॉलेज छोड़ दिया|
कॉलेज छोड़ने के बाद स्टीव जॉब्स ने Calligraphy क्लास Join की और Calligraphy में महारत हांसिल कर ली| यह वह समय था जब स्टीव जॉब्स के पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे| वे अपने दोस्त के रूम में ज़मीं पर सोते थे और कोक की खली बोतलें बेचकर कुछ पैसों का इंतजाम करते थे| सप्ताह में एक बार मंदिर में मिलने वाले मुफ्त भोजन के लिए स्टीव जॉब्स लगभग 7 किलोमीटर पैदल चलकर खाना खाने जाते थे|
इसी बिच Steve Jobs और Stive Wozniak में गहरी दोस्ती हो गई और दोनों ने साथ काम करने का फैसला किया| दोनों को इलेक्ट्रोनिक्स में काफी दिलचस्पी थी इसलिए दोनों ने साथ में मिलकर कंप्यूटर बनाने का फैसला किया| Steve Jobs और Stive Wozniak ने साथ मिलकर स्टीव जॉब्स के पिता के गैराज में एक कंपनी की शुरुआत की और कंपनी का नाम था Apple. यह सब कुछ स्टीव जॉब्स ने मात्र 21 साल की उम्र में शुरू किया था|
इसके बाद स्टीव जॉब्स रुके नहीं और एक गैराज में शुरू हुई कंपनी को मात्र 10 साल में बिलियन डॉलर कंपनी बना दिया| कुछ दिनों बाद ही स्टीव जॉब्स ने कोम्पुतेर्स बनाने वाली एक और कंपनी Lisa के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया| लेकिन उनका यह फैसला गलत साबित हुआ और कंपनी घटे में चली गई| Apple के बोर्ड और डायरेक्टर की टीम ने इसका जिम्मेदार स्टीव जॉब्स को मन और स्टीव जॉब्स को अपनी ही बनाइ कंपनी से निकल दिया|
अपनी ही बनाइ कंपनी से निकाले जाने की बात स्टीव के दिल में घर कर गई और वे टूट से गए| लेकिन अगले ही पल उन्होंने फिर से अपना कारोबार स्थापित करने का फैसला किया और एक नई कंपनी Next की स्थापना की| स्टीव जॉब्स ने अपनी नई कंपनी में सॉफ्टवेयर बनाने का फैसला किया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ| कुछ सालों में ही Next ने सॉफ्टवेयर बाज़ार पर अपना स्वामित्व कर लिया|
इधर Apple घटे में ही चल रही थी इसलिए Apple ने Next को खरीदने का फैसला किया| Apple ने 477 मिलियन डॉलर में नेक्स्ट को खरीद लिया और Steve Jobs बन गए Apple के CEO. Steve के CEO बनते ही Apple ने दिन दुगनी रात चोगुनी तरक्की करना शुरू कर दिया| जिसके बाद एप्पल ने मोबाइल फ़ोन की दुनिया में कदम रखा और आइपैड, आईफोन और आईमैक जैसे अनोखे प्रोडक्ट बाज़ार में निकाले|
इसी बिच अक्टुम्बर 2016 में Steve Jobs को कैंसर होने का पता चला| जुलाई 2004 में उनकी पहली सर्जरी हुई| जिसके बाद साल 2009 में उनका लीवर ट्रांसप्लांट हुआ| लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी| दुनियां में कंप्यूटर के जनक कहे जाने वाले Steve Jobs ने 5 अक्टुम्बर 2011 में इस दुनियां को अलविदा कह दिया|