Love Poem in Hindi
Love Poem in Hindi
प्यार
क्या गिले-शिकवे रखते हो, आज़ाद करो मुझे…२
क्या कंजूसी करते हो, दिल खोल कर बर्बाद करो मुझे!
में वक्त नहीं जो गुज़र जाऊंगा, दिन ढलने के बाद…२
खोलो सारे दरवाज़े और आबाद करो मुझे!
मुहोब्बत एक दरिया है, डूबना सभी को है जिसमें…२
क्यों डरते हो मुझसे, कूदो और पार करो मुझे!
छोड़ो सारी दुनिया को पीछे, दुनिया ज़ालिम है…२
में वफादार हूँ, आओ और प्यार करो मुझे!
Love Poem in Hindi
मुहोब्बत

कैसी उठी है दिल में, शरारत नई-नई…२
दिल चाहता है अब करना, मुहोब्बत नई-नई!
हो दिल से निकली हर बात, जो सुने कोई दिल से…२
दिल चाहता है अब करना, इबादत नई-नई!
उसके चहरे की अलकों में, छिपा हो कोई नग्मा…२
पढ़ ले जिसे कोई, तो आए क़यामत नई-नई!
मुक्कदर में मेरे, लिखी है खुशियाँ तुझसे ही…२
शायद खुदा की है तू कोई रहमत नई-नई
Love Poem in Hindi
धड़क

थोडा मुश्किल है हमारा सुधर जाना…
हर शाम की तरह हम ढलते नहीं!
पढ़ सके कोई हमारे दिल की महरूम धड़कने…
इस कदर भी हम कभी मचलते नहीं!
है प्यार हमें भी किसी से बेइंतहा, बेधड़क…
नशे के आलम में भी हम कभी बहकते नहीं!
ना खौफ है हमें, ना शिकवा है किसी का…
इस दिल्लगी के सिवा हम किसी से डरते नहीं…
आरज़ू है हमारी, कोई करे मोहब्बत हमसे भी…
पर उस कदर भी हम किसी पे मरते नहीं!
Love Poem in Hindi
बड़े दिनों बाद

बड़े दिनों बाद, फ़ोन पर हम दोनों देर तक खामोश रहे..
लफ्ज़ सरे गायब थे, पर बातें हजारों हो गई!
बड़े दिनों बाद, बाँहों में एक दुसरे की,हम मदहोश रहे…
नशे का आलम ना था, पर होंश हम खो बेठे!
बड़े दिनों बाद, आँखों में हम एक दुसरे की देखते रहे..
बात एक ना हुई, पर दिल के हाल बयां कर बेठे!
बड़े दिनों बाद कहा एक दुसरे से हमने, कि जीना है साथ…
पता ही ना चला, कब जान हम गवां बेठे!
Love Poem in Hindi
किसी और से

क्यों कहू तुझसे की ना करूँगा मुहोब्बत अब किसी और से ,
कहने को वेसे भी अब क्या रहा,जो बात करूँगा किसी और से
वक्त दर वक्त, लम्हा दर लम्हा गुज़रे जो ज़िन्दगी…
तेरी तरह, तेरे जैसे कोई लगा ले मुझे गले, क्या खुद जा के कह सकूँगा किसी और से ?
जा कह भी दू वैसा, जैसा तू करती थी मेरे लिए…
पर जो प्यार भरी बाते मेरे लब पे थी तेरे लिये, क्या वो जा के कह सकूँगा किसी और से ?
ना कर उम्मीद मेरे रोने और हसने की तेरे जाने के बाद,
तेरी बेवफाई की बाते क्या अब कर सकूँगा किसी और से ?
में जानता हु तू अब भी प्यार करती हे मुझसे …
मेरे दिल की बाते क्या तेरे सिवा कह सकूँगा किसी और से ?
इंतजार हे उस वक्त का जब तू लौट आएगी…
तू लौट आएगी मेरी ज़िन्दगी मे फिर से क्या ये जा के कह सकूँगा किसी और से ?
Love Poem in Hindi
हम तो नशे में है

परवाह है किसे ज़माने की, हम तो नशे में है,
आदत है किसे निभाने की, हम तो नशे में है!
है हम आदि, ज़िल्लत और ज़ुल्म के…
हसरत है किसे कमाने की, हम तो नशे में है!
बेअसर है हम, अब शराब और शवाब से…२
ख्वाबों से रूबरू, हर रात हम नशे में है!
हैं हम नशे में उन रास्तों के दरमियाँ,
लबों से निकली हर बात अब नशे में है!
रोकेंगे अब हमें ये दुनिया वाले हरदम हर घडी…
नफरत की दुनिया का हर ज़ल्लाद अब नशे में है!
Love Poem in Hindi
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