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महांकाल मंदिर उज्जैन | Ujjain Mahakal


साथियों नमस्कार, Hindi Short Stories के इस खंड “Travel Stories” में आपका फिर से स्वागत है! दोस्तों, पिछले दिनों हमारे एक पाठक का बाबा महांकाल की नगरी उज्जैन(Ujjain Mahakal) में जाना हुआ| आत्मीय शांति और धर्म की नगरी उज्जैन में जाकर पाठक को यह अनुभव हुआ की देश की इस धर्म नगरी के बारे में सभी जो जानना अति आवश्यक है| महांकाल मंदिर उज्जैन के बारें में उन्होंने हमसे कुछ जानकारियां साझा की है जिसे हम एक Article के रूप में यहाँ प्रकाशित कर रहें हैं| आशा है आपको हमारा यह लेख काफी पसंद आएगा…


अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का,
काल भी उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महांकाल का!

जी हाँ, देवों के देव महादेव और महादेव का वह रूप जिसकी पूजा समस्त मानव जाती काल पर विजय पाने के लिए करती है! आज की हमारी यात्रा है महांकाल मंदिर उज्जैन की| वह मंदिर जिसके बारे में पुराणों में साक्ष्य मिलते है, जिसके बारे में कहा जाता है की आज भी उज्जैन के राजा महांकाल ही है और इसीलिए आज भी उज्जैन में कोई भी राजनेता और बड़ा अधिकारी रात्रि नहीं रुकता|

उज्जैन, मध्यप्रदेश के इंदौर से लगभग 55 किलोमीटर दूर बसा एक खुबसूरत आध्यात्मिक शहर जिसे मंदिरों की नगरी के रूप में भी जाना जाता है| अपनी पुरातात्विक, आध्यात्मिक और संस्कृतिक धरोहर को समेटे आज भी अपनी बेहद शानदार खूबसूरती के साथ लोगो के दिलों में राज कर रहा है| भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, उज्जैन का महांकाल मंदिर आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है| तो चलिए आज आपको सैर करवाते है, इस खुबसूरत शहर उज्जैन की….

उज्जैन शहर ( Ujjain Mahakal ) मध्यप्रदेश का एक खुबसूरत शहर है| उज्जैन पहुँचने के लिए आप सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते है| सड़क मार्ग से उज्जैन पहुँचने के लिए आप नेशनल हाईवे का उपयोग कर सकते हैं| अगर आप रेल मार्ग से उज्जैन पहुंचना चाहते हैं तो आप रेलवे से उज्जैन जक्शन पर पहुँच सकते हैं| हवाई मार्ग से उज्जैन पहुँचने के लिए आपको सबसे करीबी विमानतल “अंतर्राष्ट्रीय विमानतल इंदौर” पहुंचना होगा, जहाँ से आप बस पकड़कर उज्जैन पहुँच सकते हैं|

रात बिताने के लिए उज्जैन में कई होटल (Hotel in ujjain),धर्मशालाएं उपलब्ध हैं जहाँ पर आप अपने बजट के अनुसार अपने लिए कमरा किराए पर ले सकते हैं| वैसे तो आप उज्जैन एक दिन में भी घूम सकते हैं, लेकिन अगर आप सही मायनों में उज्जैन दर्शन करना चाहते हैं तो उज्जैन घुमने के लिए कम से कम दो दिन का प्लान जरुर बनाइएगा|

उज्जैन में घुमने वाली जगहें ( Place to visit in ujjain mahakal )

वैसे तो उज्जैन ने आपको थोड़ी थोड़ी दुरी पर मंदिर मिल जाएँगे| कहा जाता है की अगर आप एक थैले में चावल लेकर उज्जैन दर्शन पर निकलेंगे तो चावल ख़तम हो जाएँगे लेकिन उज्जैन के मंदिर ख़तम नहीं होंगे| इसलिए यहाँ हम आपको उज्जैन के कुछ चुंनिंदा मंदिरों और जगहों के बारे में जानकारी देने वाले हैं|

                                महांकाल मंदिर उज्जैन ( Ujjain mahakal )

(उज्जैन रेलवे स्टेशन से दुरी 1.2 किलोमीटर)
उज्जैन का महांकाल मंदिर, भारत के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं|यह मंदिर माँ शिप्रा नदी के तट पर स्थित है| हर 12 साल में यहाँ पर कुम्भ (सिहंस्थ) का मैला लगता है जिसमें देश विदेश से श्रद्धालुओं को उज्जैन आकर भारत की हिन्दू संस्कृति को और करीब से जानने का मौका मिलाता है| हर सुबह भगवान् महांकाल की भस्मारती की जाती है, जिसमें ज्योतिर्लिंग पर भस्म लगाकर भगवन महांकाल का श्रंगार किया जाता है| कहा जाता है की कुछ सालों पहले आरती के लिए शमशान की भस्म का उपयोग किया जाता था, लेकिन आजकल कपिला गाय के कंडे, पीपल, अमलतास, शमी, बड, और बैर की लकड़ियों को जलाकर भस्म तैयार की जाती है|

सुरक्षा की दृष्ठि से महांकाल मंदिर में सीसीटीवी कैमरें लगे गए हैं, मंदिर में मोबाइल ले जाना और फोटोग्राफी करना पूरी तरह वर्जित है| देश विदेश के शश्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर से भगवान् महांकाल के लाइव दर्शन इन्टरनेट पर किये जा सकते हैं| मंदिर में कई देवीदेवताओं के छोटे बड़े मंदिर हैं| दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क शुद्ध और सात्विक भोजन की व्यवस्था भी मंदिर समिति द्वारा की जाती है|

मुख्य महांकाल मंदिर तिन भागों में बनाया गया है| जिसमें सबसे निचे “महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग” उसके उपर “श्री ओम्कारेश्वर” और उसके उपर “श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर है”| महांकाल मंदिर में मंदिर से लगा हुआ एक कुंड है, जिसे “कोटितीर्थ” के नाम से जाना जाता है| मंदिर खलने का समय प्रातः 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक है|

श्री चिंतामन गणेश मंदिर (Chintaman ganesh mandir ujjain)

chintaman ganesh mandir ujjain

chintaman ganesh mandir ujjain

(महांकाल मंदिर से दुरी 14 किलोमीटर)
महांकाल मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर दूर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर अपने आप में एक अद्भुत मंदिर है| यहाँ पर भगवन गणेश की तिन मूर्तियाँ विराजमान है एक चितामन गणेश, दूसरी इच्छामन गणेश और तीसरी श्री सिद्धिविनायक गणेश! ऐसा माना जाता है, कि श्री चिंतामन गणेश यहाँ आने वाले भक्तों की समस्त चिंताओं को दूर कर देते हैं, श्री इच्छामन गणेश भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते है और श्री सिद्धिविनायक भक्तों को सिद्धि प्रदान करते हैं|कहा जाता है की वनवास से लौटते वक़्त भगवन राम सीता और लखमन के साथ यहीं रुके थे| मंदिर के पास एक बावड़ी भी है, जिसे लक्ष्मण बावड़ी के नाम से जाना जाता है|

कालभैरव मंदिर उज्जैन (Kalbhairav mandir ujjain)

Kalbhairav mandir ujjain

Kalbhairav mandir ujjain

(महांकाल मंदिर से दुरी 8 किलोमीटर)
कालभैरव मंदिर अति चमत्कारिक मंदिर है, कालभैरव मंदिर में भगवान् कालभैरव साक्षात् मदिरा पान करते हैं| जी हाँ, यहाँ कालभैरव को प्रसाद के रूप में मदिरा चढाई जाती है और जब मदिरा का प्याला कालभैरव की मूर्ति के मुह से लगाया जाता है तो प्याला अपने आप चमत्कारिक रूप से खाली हो जाता है|कहा जाता है की कालभैरव का यह मंदिर लगभग 6 हजार साल पुराना है और तभी से हर रोज़ भगवान् काल भैरव की यह मूर्ति यूँ ही चमत्कारिक रूप से मदिरा पान कर रही है|

श्री हरिसिद्धी मंदिर उज्जैन (Harisiddhi mandir ujjain)

Harisiddhi mandir ujjain

Harisiddhi mandir ujjain

(महांकाल मंदिर से दुरी 500 मीटर)
श्री हरिसिद्धी मंदिर भगवन महांकाल मंदिर के पास बने रुद्रसागर के पास स्थित है| इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि शिवपुराण के अनुसार माता पारवती के सटी होने पर माँ पारवती की कोहनी इसी स्थान पर गिरी थी इसीलिए इस स्थान को हरीसिद्धि मंदिर के रूप में जाना जाता है| इस मंदिर के बारे में एक कहावत यह भी है, कि यह देवी सम्राट विक्रमादित्य की कुलदेवी हैं, राजा विक्रमादित्य ने यहाँ घोर तपस्या की थी और लगातार 11 बार अपने सर को काटकर माँ हरिसिद्धी को समर्पित किया था और हर बार सर पुनः उनके धड से जुड़ जाता था| मंदिर के चारों और द्वार हैं, मंदिर में दो दीप स्तम्भ भी है जहाँ पूरी नवरात्री में दीप जलाए जाते हैं|

गोपाल मंदिर उज्जैन (Gopal mandir ujjain)

Gopal mandir ujjain

Gopal mandir ujjain

(महांकाल मंदिर से दुरी 800 मीटर)
उज्जैन का गोपाल मंदिर उज्जैन शहर के बीचों-बिच स्थित है| यह मंदिर लगभग 250 साल पुराना है, इस मंदिर का निर्माण सिंधिया स्टेट द्वारा करवाया गया था| जन्माष्ठमी पर यहाँ विशेष आयोजन किये जाते हैं| इस मंदिर को उज्जैन का द्वारिकाधीश भी कहा जाता है| मंदिर में द्वारिकाधीश, शंकर पारवती और गृध की मूर्तियाँ विराजमान है|

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन (Mangalnath mandir ujjain)

Mangalnath mandir ujjain

Mangalnath mandir ujjain

(महांकाल मंदिर से दुरी 5.5 किलोमीटर)
अंकपात के निकट शिप्रा तट पर ही मंगल नाथ का मंदिर स्थित है| मंगलनाथ मंदिर के लिए लोगों में मान्यता है, कि जिन लोगों की जन्मकुंडली में मंगल दोष होता है उनके यहाँ आकर पूजा-अर्चना करने पर मंगल दोष का निवारण हो जाता है|पुराणों के अनुसार उज्जैन को मंगल की जननी भी कहा गया है, यही कारन है कि मंगलनाथ मंदिर के प्रति यहाँ के लोगों और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं में अटूट श्रद्धा है|

संदीपनी आश्रम (Sandipani aashram ujjain)

Sandipani aashram ujjain

Sandipani aashram ujjain

(महांकाल मंदिर से दुरी 3.5 किलोमीटर)
पुराणों में संदीपनी आश्रम का अपना एक खास महत्त्व है| इसी के साथ यह स्थान श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र इसलिए भी बना हुआ है क्यों की यहाँ भगवान् श्री कृष्णा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी| श्री कृष्ण के भाई बलराम और सखा सुदामा ने भी अपनी शिक्षा श्री कृष्णा के साथ यहीं ग्रहण की थी| इस आश्रम में एक बड़ा सा पत्थर है, जहाँ 1 से 100 तक की गिनती लिखी गई है| ऐसा मन जाता है की यह गिनती स्वयं गुरु संदीपनी ने ही यहाँ लिखी थी|

वैसे तो उज्जैन और यहाँ के मंदिरों के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है| इसलिए हम चाहते हैं की आप जब भी उज्जैन की यात्रा करें, यहाँ कम से कम दो दिन रूककर जरुर आएं| उज्जैन में सभी मंदिरों और स्थानों पर घुमने के लिए आपको बस और टेक्सी सुविधा सीधे महांकाल मंदिर से मिल जाएगी|

इसके अलावा भी उज्जैन में कई मंदिर और स्थान है जिन्हें आप घूम सकते है, कुछ प्रमुख स्थानों के नाम आपकी सुविधा के लिए निचे दिए जा रहें हैं|

स्कान मंदिर– महांकाल मंदिर से दुरी 6 किलोमीटर
बड़े गणपति मंदिर– महांकाल मंदिर से दुरी 240 मीटर
त्रिवेणी संगम– महांकाल मंदिर से दुरी 8 किलोमीटर
गढ़कालिका मंदिर– महांकाल मंदिर से दुरी 5 किलोमीटर

महांकाल मंदिर उज्जैन | Ujjain Mahakal


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