children story in hindi | कहानी बच्चों की
साथियों नमस्कार, हम सभी जीवन में कभी न कभी किसी न किसी काम को लेकर आलस कर जाते हैं| लेकिन किसी काम में किया गया आलस उस काम को हमेशा ख़राब कर देता है| आज हम आपके लिए ऐसी ही “children story in hindi | कहानी बच्चों की” लेकर आएं हैं जो आपको आलस में किए गए कार्य के दुष्परिणामों से अवगत करवाएगी! आइये इन कहानियों के माध्यम से ज़िन्दगी के एक नए पहलु को जानते हैं…
Children Story in Hindi | आलस्य
यह एक ऐसे किसान की कहानी है जो अपने पुरखों की दी हुई ज़मीन-जायदाद के कारण था तो काफी धनि लेकिन उसमें एक कमी थी, और वह थी आलस करना| जीवन के शुरूआती दिनों से ही वह आलसी बनता गया| पहले तो उसने कई कामों को टालना शुरू कर दिया लेकिन ज़िन्दगी के सफ़र में जैसे-जैसे वह आगे बढ़ रहा था ठीक वैसे-वैसे वह और भी आलसी होता चला जा रहा था| अब तो आलम यह था की आलस में उसने खेतों पर जाना तक छोड़ दिया|
अब तो आलस में उसे अपने घर-परिवार तक की सुध न थी| अपने गाय-भेंसों की भी सुध न लेता| उसका सारा काम अब नोंकरों के भरोसे चलने लगा| उसके आलस से अब पुरे घर की व्यवस्था बिगड़ने लगी| खेती में ध्यान न देने के कारण अब उसको खेती में नुकसान होने लगा| उसके पालतू पशुओं ने भी धीरे-धीरे अब दूध देना बंद कर दिया|
एक दिन उस किसान का दोस्त उससे मिलने उसके गाँव आया| उसने गाँव में जैसे ही अपने किसान के घर जाने का रास्ता पूछा गाँव वालों ने उसे उसके घर की पूरी दशा बता दी| खैर, अब था तो उसका ही मित्र… सौ उसने उस किसान के घर जाने और उसे समझाने का मन बनाया| वह जैसे ही अपने मित्र किसान के घर पहुंचा उसे अपने मित्र के घर की दशा देखकर बहुत दुःख हुआ|
उसे पता था की अब आलस ने उसके मित्र को इस कदर जकड लिया था की अब उसे समझाने में भी कोई लाभ न था| उसने अपने मित्र की दशा पर चिंतित होते हुए अपने मित्र से कहा – मित्र, तुम्हारी परेशानियाँ देखकर मेरे ह्रदय को काफी दुःख पहुंचा हैं| लेकिन मेरे पास तुम्हारी इन साडी परेशानियों को दूर करने का एक ऐसा उपाय है जिसे करके तुम फिर से धनि व् खुश्हर जीवन जी सकते हो|
किसान अपनी दशा से खुद बड़ा परेशान था लेकिन उसे अपने आलसीपन का आभास तक न था| उसने अपने मित्र से कहा – मित्र मेरी इस दशा के कारण धन, वैभव और सम्मान सब कुछ मेरे हाथ से चला गया है| तुम तो मेरे प्रिय मित्र हो में तुम्हारे बताए हुए उपाय पर अमल जरुर करूँगा|
किसान के मित्र ने कहा – मित्र, सुबह-सुबह दिन दिकलने से पहले एक देवदूत प्रथ्वी पर आता है| जो कोई भी उस देवदूत का सर्वप्रथम दर्शन कर लेता है उसे जीवन में सब कुछ मिल जाता है| अगर तुम उस देव्देत के दर्शन कर लो तो तुम्हारा खोया हुआ धन, वैभव और सम्मान तुम्हें वापस मिल सकता है|
किसान अपने जीवन से अब काफी परेशान हो चूका था| गाँव में भी उसकी अब कोई इज्ज़त नहीं करता था| उसने अपने मिटा की बात मानने का फैसला किया| अगले ही दिन वह सवेरे-सवेरे उठकर देवलोक से आए देवदूत की खोज में निकल पड़ा| चलते-चलते वह अपने खेतों के पास पहुँच गया था| अगले ही पल उसने देखा की एक आदमी उसके खेत में पड़े गेहूं के ढेर से गेहूं की चौरी कर रहा है| किसान को आते देख चोर वहां से भाग खड़ा हुआ|
चलते चलते अब वह थक चूका था| खेतों से लौटकर अब वह अपनी गोशाला की और आया तो उसने देखा की उसका एक नोकर उसकी भेंस का दूध निकालकर ले जा रहा है| किसान ने अपने नोकर को रोका और इस तरह चोरी छिपे दूध ले जाने पर अपने नोकर को फटकार लगाई|
थोड़ी देर आराम कर के वह फिर देवदूत की खोज में अपने खेतों की और निकल गया| वह अभी खेतों पर पहुंचा ही था की उसे पता चला की खेतों पर अभी तक मजदुर नहीं आए थे| उसने रुक कर मजदूरों के आने का इंतज़ार किया, जब मजदुर खेत पर आए तो उन्हें भी देरी से आने पर डाट लगाई| अब वह सुबह से जहाँ-जहाँ भी गया वहां उसका कोई न कोई नुकसान होने से बच गया|
Very Nice Children Story.