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Moral Stories

साथियों नमस्कार !

दोस्तों, आप सभी को याद है कैसे हम बचपन में रात हो जाने पर दादी नानी की गोदी में जाकर बेठ जाते थे और उनसे कहानी (Moral Stories) सुनने की जिद किया करते थे | उन कहानियों के राजा-रानी खुद को मानकर हम दादी-नानी लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते गए ज़िन्दगी की भागदौड़ में बचपन की कहानियां जाने कहाँ छुट गई हमें पता ही नहीं चला | कभी-कभी हम उन्हीं कहानियों में खुद को ढूंढने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमें बचपन की वो कहानियां नहीं मिलती |

इसीलिए हमारी वेबसाइट की खास पाठकों के लिए हम ढेर सारी Moral Stories लेकर आएं हैं, जिन्हें पढ़कर आप खुद को बचपन की उन गलियों में  महसूस करेंगे जहाँ कभी आप अठखेलियाँ किया करते थे |

धन्यवाद !!

Dhanwan Chuha Moral Stories in Hindi

धनवान चुहा | Dhanwan Chuha Moral Stories in Hindi

धनवान चुहा | Dhanwan Chuha Moral Stories in Hindi धनवान व्यक्ति का आत्मविश्वाश और तेज अलग ही झलकता है, जबकि निर्धन व्यक्ति दुर्बल और लाचारी… Read More »धनवान चुहा | Dhanwan Chuha Moral Stories in Hindi

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