कुछ भूल गए अपने-Sad Shayri in hindi
कुछ भूल गए अपने-Sad Shayri in hindi था शाम का आलम, थी सर्द हवाएं… था घोर अँधेरा, थी सुर्ख फिजाएं! हर जश्न में शामिल, थी… Read More »कुछ भूल गए अपने-Sad Shayri in hindi
कुछ भूल गए अपने-Sad Shayri in hindi था शाम का आलम, थी सर्द हवाएं… था घोर अँधेरा, थी सुर्ख फिजाएं! हर जश्न में शामिल, थी… Read More »कुछ भूल गए अपने-Sad Shayri in hindi