Skip to content
Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi

खुद को भूलो मत | Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi


Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi

काफी समय पहले की बात है| एक वन में एक महर्षि वर्षों से रहते थे| हर रोज़ वे भगवान की पूजा-अर्चना और तपस्या में लीन रहते थे| एक दिन वे तपस्या में लीन थे तभी आसमान से किसी चील या कौए की चोंच से एक चूहा आकर महर्षि की गौद में गिर गया| आसमान में उड़ रहे पक्षी के प्रहार से चूहा घायल था| महर्षि को चूहे की हालत देख उस पर दया आ गई| महर्षि चूहे को दाना पानी खिला कर उसे पालने पोसने लगे| महर्षि द्वारा कीए गए उपकार और देगभाल से चूहा कुछ ही दिनों में हष्ट-पुष्ट हो गया|

एक दिन ना जाने कहा से एक बिल्ली की नज़र उस चूहे पर पड गई| अब बिल्ली चूहे को अपना भोजन बनाने की ताक में रहने लगी| एक दिन मौका देख बिल्ली चुहे को अपना भोजन बनाने के लिए उस पर झपटी लेकिन किस्मत से चुहा बच निकला और भयभीत होकर महर्षि की गौद में आकर छुप गया| महर्षि को चुहे की ऐसी हालत देखकर उस पर दया आ गई और महर्षि ने उसे बिल्ली बना दिया|

अब चूहा बिल्ली बनकर बहुत खुश था| लेकिन बिल्ली बनकर भी उसकी ख़ुशी ज्यादा दिन तक टिकी नहीं| कुछ ही दिनों में उस पर आस-पास  के कुत्तों की नज़र पड  गई| अब वह पुनः डर-डर कर रहने लगा| एक तिन कुत्तों ने उसे मोका देख कर दबोच लिया किसी तरह बिल्ली बना वह चूहा फिर से अपनी जान बचा कर किसी तरह महर्षि की शरण में पहुंचा और अपनी पीड़ा महर्षि को बताई| महर्षि ने सोचा क्यों ना में इसे कुत्ता बना दूँ फिर तो इसकी साडी समस्या ही ख़तम हो जाएगी|  बस महर्षि के सोचने भर की देर थी| महर्षि ने ओने कमंडल में जल लिया और बिल्ली बने चूहे पर डाल दिया| देखते ही देखते चूहा बिल्ली से कुत्ता बन गया| लकिन कुत्ता बनने के बाद भी चूहे की समस्या वैसी की वैसी रही| अब उस पर जंगल के शेर की नज़र पड  गई| चूहे ने जाकर महर्षि से फिर प्रार्थना की, इस बार महर्षि ने चूहे को कुत्ते से सीधा शेर बना दिया|

Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi

इस तरह आख़िरकार वह चूहा जंगल का शेर बन गया| लकिन मुनि अब भी उसे चूहा समझकर ही प्रेम करते थे| आश्रम में महर्षि के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अक्सर उस शेर को देख कर कहते, कि  “यह शेर कभी चूहा हुआ करता था| लकिन महर्षि ने इसे अपने तपोबल से शेर बना दिया| जो भी श्रद्धालु आश्रम आता वह प्रायः ही उस शेर को देखकर उसके चूहे होने की बात दूसरों से कहता|

चूहे को अपने शेर होने पर बहुत घमंड था| लोगो की उसके चूहे होने की बात करना उसे आचा नहीं लगता था और वह लोगों की बाते सुनकर बहुत क्रोधित हो जाता था| एक दिन शेर ने सोचा, जब तक यह महर्षि जीवित रहेंगे तब तक लोग मेरी सच्चाई जानकर मुझे चूहा ही समझते रहेंगे| और मेरा असली रूप मानकर मुझे ऐसे ही अपमानित करते रहेंगे| क्यों ना में महर्षि को मारकर यह कहानी ही ख़तम कर दूँ|

शेर के यह सोचने भर की देर थी, कि महर्षि को शेर के मन में चल रहे विचारों का पता चल गया| बस फिर क्या था, महर्षि ने उसे शेर से फिर से चूहा बना दिया और अपने आश्रम से भगा दिया|

कहानी का तर्क यही है, कि हम ज़िन्दगी में चाहे कितने ही आगे क्यों न बड जाए, हमें खुद को कभी भी नहीं भूलना चाहिए|

Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi


आपको हमारी कहानी Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi कैसी लगी हमें कमेंट में ज़रूर लिखे| और हमारा फेसबुक पेज जरुर LIKE करें!

Hindi Short Stories डॉट कॉम
यह भी पढ़ें:-
              बच्चों की तिन कहानियां | Kids Story in Hindi
               संग का फल | Sang ka Fall Moral Stories in Hindi
             बेवकूफ गधा | Bewakoof Gadha Moral Stories in Hindi

2 thoughts on “खुद को भूलो मत | Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Hindi Short Stories » खुद को भूलो मत | Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi

खुद को भूलो मत | Khud Ko Bhulo Mat Moral Story in Hindi