साथियों नमस्कार, इस कहानी “Coffee Emotional Story in Hindi | कॉफ़ी – भावुक कहानी“में हम आपके लिए समाज के एक और तबके के बारे में एक कहानी के माध्यम से बताने जा रहें हैं जो कहीं न कहीं आज़ादी के इतने सालों बाद आज भी गरीबी की रेखा के निचे जीवन यापन कर रहा है| आशा है आपको हमारी यह कहानी बहुत पसंद आएगी|
Coffee Emotional Story in Hindi | कॉफ़ी – भावुक कहानी
बात लगभग एक साल पुरानी है, मिश्रा जी के लड़के के शादी के सिलसिले में, मे देहरादून गया था| मिश्रा जी और मेरा कॉलेज के दिनों का याराना था|
कॉलेज के दिनों से हम सभी दोस्त राजीव को मिश्रा जी ही कहकर बुलाते थे, हालाकिं समय के साथ सभी दोस्त तो ज़िन्दगी की भागदौड़ में पता नही कहाँ छुट गए, लेकिन मिश्रा जी और मेरा याराना अभी तक जिंदा था|
खैर सुबह की फ्लाइट (Flight) पकड़ कर में देहरादून पहुंचा| मिश्रा जी ने मुझे बताया की वे मुझे लेने एअरपोर्ट (Airport) ही आ रहें हैं| मेने मेरे लिए इस तरह परेशान होने पर उनको मना किया लेकिन बात ना मानना तो मिश्रा जी की पुरानी आदत थी|
सुबह लगभग साढ़े नों बजे में देहरादून पहुंचा, मिश्रा जी मुझे रिसेप्शन (Riception) पर ही काफी पिते हुए दिख गए, उनके साथ उनका बेटा आशीष था जिसकी शादी में, मे आया था| मेरे नजदीक जाते ही उसने मेरे पैर छु कर मेरा सम्मान किया और मुझे कॉफ़ी की पेशकश की|
हालाकिं ज्यादा ज़रूरत ना होते हुए एअरपोर्ट पर 280 रूपए कॉफ़ी के लिए बर्बाद करना मुर्खता थी सो मेने कॉफ़ी (Coffee) के लिए आशीष को मना कर दिया| आशीष के दुबारा कहने पर मेने उसका मन रखते हुए कह दिया की जब मुझे वापस छोड़ने के लिए आओगे तब पिएंगे|
मिश्रा जी ने मुझे बताया की उनके एक और खास मित्र भी आने वाले हें तो उन्हें भी साथ लेना हैं|
कुछ देर बाद एक और फ्लाइट लखनऊ से आई और एक लगभग 70 साल का व्यक्ति मुझे मिश्रा जी की और हाथ हिलाते हुए आते हुए दिखाई दिया|
लेकिन रिसेप्शन (Riception) के पास आते-आते अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई| हम तुरंत उन्हें नजदीक के एक अस्पताल में ले गए, डॉक्टर ने बताया की सफ़र में थकावट के कारण थोड़ी सी तबियत ख़राब हो गई है, परेशानी की बात नहीं बस थोड़े आराम की ज़रूरत है|
यह सुनकर हम सब के जान में जान आई| आशीष और में अस्पताल (Hospital) का बिल (Bill) भरने के लिए रिसेप्शन (Riception)पर गए| वहां एक महिला पहले से खड़ी थी, कम्पाउण्डर उस महिला से बार-बार कह रहा था की डॉक्टर साहब आपसे फीस के पैसे नही ले रहें हें लैकिन आपको दवाइयों के 250 रूपए तो देना ही होंगे|
महिला पैसे ना होने का कहकर कम्पाउण्डर से दवाइयों के लिए विनती कह रही थी|
तभी मैंने आशीष से कहा, अब मुझे कॉफ़ी (Coffee) पिने का मन हो रहा है| आशीष मेरी बात को समझ गया और उसने दवाइयों के लिए 250 रूपए उस महिला को दे दिए|
महिला ने आशीष के सर पर प्यार से हाथ फेरा और बिना कुछ बोले ढेर सारी दुवाएं और आशीर्वाद देकर चली गई| आशीष और मेने उस दिन ज़िन्दगी का एक नया पाठ सिख लिया था…….
Coffee Emotional Story in Hindi | कॉफ़ी – भावुक कहानी
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